Ghazal
लोग जो भी गुज़र जाएँ ठहर के देखें
गर दुनिया तुम्हें मेरी नज़र से देखे
जिन गलियों में बसा है आशियाँ तेरा
लोग राहें सब उसी डगर के देखें
तेरे वजूद से हैं ये रातें रौशन
रात अंधेरों को सहर कर के देखें
यू चाहत में दिए जाने की ज़िद में
सोचा अपनी लंबी उमर कर के देखें
नूर में तेरे जब है दवाओं सा असर
क्यूँ वो रस्ते चारागर के देखें
सूरत से चल जाता है सीरत का पता
चाह बाक़ी तेरे दिल में उतर के देखें