बिरयानी मेरा सबसे पसंदीदा व्यंजन रहा है और चिकन बिरयानी की तो बात ही मत पूछिए। अपनी पसंदीदा बिरयानी के साथ रायता मिल जाए तो ज़ायक़े का लुत्फ़ आ जाए! मैंने ज़्यादा पकवान तो नहीं बनाए पर मेरे हाथ की बिरयानी अच्छे–अच्छे होटलों को टक्कर दे जाती है। पर कोविड के जमाने में बिरयानी की पूछ घट गई है और दाल की पूछ बढ़ गई है। ऐसा इसलिए है कि कोविड होने पर शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है जिसको पूरा करने केलिए दाल का सेवन अनिवार्य है। इस समय मसालेदार भोजन का सेवन जैसे बिरयानी उचित नहीं मानी जाती। ऐसे में कुछ प्रश्नों न मुझे झकझोर कर रख दिया है। पहला– ‘घर की मुर्गी दाल बराबर’ कहावत बेमानी साबित हो रही है और इसे यह न कहकर कोई और नाम दिया जाए जैसे ‘घर की मुर्गी बिरयानी बराबर’ तो कैसा रहे? दूसरा– अमा बिरयानी के तो हम उस्ताद ठहरे पर ये नहीं जान पाए कि अपनी दाल गलाई कैसे जाए?
वैसे आपकी दाल गली कि नहीं??
Stay safe n all the best!
दाल कूकर में अच्छी गलती है,😜
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Try to bahut kiye lekin daal hi to nahi gal rahi hai 🤣🙏
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