आज भरी महफ़िल में
फ़ैसला तमाम हो जाए
नाम इतना न उछालो मेरा
कि मेरा नाम हो जाए
दिल का कमज़ोर हूँ पर
किसी का दिल तो नहीं दुखाया
दिल पे चोट खाई
और दर्द में भी मुस्कुराया
दीनों के लिए फ़िक्रमंद हूँ
इसीलिए शायद खुदा को पसंद हूँ
किसी की बुराई न की
शायद इसलिए मैं बुरा हूँ
ज़माना मुझ पर उँगलियाँ उठाए
क्या मैं पूरा हूँ
कुछ की मदद की
कुछ की न कर पाया
जिसके मैं लायक़ था
उतना ही कर पाया
माना थोड़ा ग़ैरज़िम्मेदार हूँ
पर तुम्हारे लिए हमेशा तैयार हूँ
लोगों को इंसान की परख नहीं होती
हर चमकती चीज़ पारस नहीं होती
लोग ये सारे भूल गए हैं
मतलब और ख़ुदगर्ज़ी में
रिश्ते नाते धन और दौलत
क्या लेकर जाओगे अर्थी में
जो औरों के काम न आए
वो जीवन बेकार है
ऐसा भी किया आदमी
जिसको खुद से ही प्यार है
कत्ल देख जो मौन खड़े हैं
वो भी ठहरे कातिल हैं
ख़ौफ़नाक से इस जुल्म में
सारे के सारे शामिल हैं
वक्त है बदला तुम भी बदलो
वक़्त नहीं दोहराएगा
जो कुछ किया करा है तुमने
काम तुम्हारे आएगा
ख़ैर मनाऊँ नेक खुदा का
ये एहसान तुम पर हो
हो न वरना मैं मर जाऊँ
और इल्ज़ाम तुम पर हो
👏👏💕💕
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