कुछ ऐसे भी सवालात हुआ करते हैं
जिनके कोई भी जवाब नहीं होते
कम्बख़्त दुनिया अगर सीधी हुआ करती
तो हम भी यकीनन ख़राब नहीं होते
जो ख़्वाब हमारी नींदें न उड़ा दें
वो ख़्वाब भी दोस्तों ख़्वाब नहीं होते
अगर आप हमारी जान न ले लेते तो
फिर हम भी कत्ल जनाब नहीं होते
ये दुनिया अगर तस्कीन से चलती तो
फिर इतने क़ौमी फ़साद नहीं होते
जो पर उँची उड़ानों के मुतासिर हैं
उन परों के कोई हिसाब नहीं होते
हम भी कैसे भला ज़िन्दा रह पाते
अगर ज़िन्दगी में मेरे आप नहीं होते