नज़्म Nazm

Urdu Shayari

हालात

लोगों से अक्सर कई दफ़ा

कहते हुए ये सुना गया

कि हो चाहे जैसे हालात

रखना क़ाबू अपने जज़्बात

पर इंसान को इंसान बनाता है

गैरमुकम्मल होनी यदा-कदा

अगर ज्जबात ही न मचलते तो

क्या हो न जाते हम खुदा

दुनियावालों की छोड़ो

ये दुनिया तो पागल है

जो ये सच्ची बात कुबूले

वो इंसान मुकम्मल है

खुद जो पूरे हो नहीं

वो भी क्या कमाल दिखाते हैं

लोग सभी किरदार पे मेरे

लाखों सवाल उठाते हैं

दुनिया वालों की क्या सुनना

जो कहते हैं कहने दो

मैं मौजी अपने मन का

मुझको पागल ही रहने दो